Jeremiah 24

1 जब शाह-ए-बाबुल नबूकदरज़र शाह-ए- यहूदाह यकूनियाह-बिन-यहूयक़ीम को और यहूदाह के हाकिम को, कारीगरों और लुहारों के साथ यरुशलीम से ग़ुलाम करके बाबुल को ले गया, तो ख़ुदावन्द ने मुझ पर नुमायाँ किया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द की हैकल के सामने अंजीर की दो टोकरियाँ धरी थीं। 2 एक टोकरी में अच्छे से अच्छे अंजीर थे, उनकी तरह जो पहले पकते हैं; और दूसरी टोकरी में बहुत ख़राब अंजीर थे, ऐसे ख़राब कि खाने के क़ाबिल न थे। 3और ख़ुदावन्द ने मुझसे फ़रमाया, “ऐ यरमियाह! तू क्या देखता है?” और मैंने ‘अर्ज़ की, अंजीर अच्छे अंजीर बहुत अच्छे और ख़राब अंजीर बहुत ख़राब, ऐसे ख़राब कि खाने के क़ाबिल नहीं।”

4 फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ कि: 5“ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: इन अच्छे अंजीरों की तरह मैं यहूदाह के उन ग़ुलामों पर जिनको मैंने इस मक़ाम से कसदियों के मुल्क में भेजा है, करम की नज़र रखूँगा। 6 क्यूँकि उन पर मेरी नज़र-ए-’इनायत होगी, और मैं उनको इस मुल्क में वापस लाऊँगा, और मैं उनको बर्बाद नहीं बल्कि आबाद करूँगा; मैं उनको लगाऊँगा और उखाड़ूँगा नहीं। 7 और मैं उनको ऐसा दिल दूँगा कि मुझे पहचानें कि मैं ख़ुदावन्द हूँ! और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा, इसलिए कि वह पूरे दिल से मेरी तरफ़ फिरेंगे।

8“लेकिन उन ख़राब अंजीरों के बारे में, जो ऐसे ख़राब हैं कि खाने के क़ाबिल नहीं; ख़ुदावन्द यक़ीनन यूँ फ़रमाता है कि इसी तरह मैं शाह-ए-यहूदाह सिदक़ियाह को, और उसके हाकिम को, और यरुशलीम के बाक़ी लोगों को, जो इस मुल्क में बच रहे हैं और जो मुल्क-ए-मिस्र में बसते हैं, छोड़ दूँगा। 9 हाँ, मैं उनको छोड़ दूँगा कि दुनिया की सब ममलुकतों में धक्के खाते फिरें, ताकि वह हर एक जगह में जहाँ-जहाँ मैं उनको हॉक दूँगा, मलामत और मसल और तान और ला’नत का ज़रिया’ हों। और मैं उनमें तलवार और काल और वबा भेजूँगा यहाँ तक कि वह उस मुल्क से जो मैंने उनको और उनके बाप-दादा को दिया, हलाक हो जाएँगे।”

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